वक़्त आसमां न बन जाए उसे पुरजोर दाबे रखिए आस्तीन के पाहुँचे पर वक़्त संभाले रखिए वक़्त जिसे ज़मी की तरह गुलनार रखा हर लम्हा हर हर्फ़ जिस के नाम रखा मेज पर रखी चाय ठंडी हो वजूद न खो दे कहीं अपने हाथों में एक प्यार भरा उबाल रखा ममता की अहमियत फकत वही जानता है जिस के सिर पर उसने हाथ रखा कंघी में फंसे बाल बेमानी नहीं होते उम्र और इश्क़ का हिसाब देखिए वजूद तलाशते हैं जो दूसरों के शहर में अपने आस पास कंधो का निशान देखिए #ठंडी चाय