शायर की कलम से____ कड़वा है, करेला है। करोड़ों की भीड़ में हर एक शख्स, अकेला है। रिश्ते हैं, नाते हैं, मेला है। फिर भी हर दिल, अकेला है।। ©vikash Agarwal कड़वा है__जो करेला है।। #AWritersStory