मुझे सुकून मिले ज़िंदगी में वो मुझसे मिलने कब आएगा रोज तकती हूँ उसका रस्ता क्या वो कभी लौट आएगा बेवफाई से वाकिफ़ हूँ जिसके वो मेरा फिर कैसे हो पाएगा ताउम्र बेचैनियाँ मेरे हिस्से कर चैन से वो सो जाएगा मैं भूल चुकी हूं ज़िंदा हूँ मैं मुझे मुखाग्नि देने माधव स्वयं आएगा। ©Sarika Pal मुझे सुकून मिले ज़िंदगी में वो मुझसे मिलने कब आएगा रोज तकती हूँ उसका रस्ता क्या वो कभी लौट आएगा बेवफाई से वाकिफ़ हूँ जिसके वो मेरा फिर कैसे हो पाएगा