Nojoto: Largest Storytelling Platform

भरम खुलने न पाए बंदगी का वो मातम कर रहे हैं ज़िंदग

भरम खुलने न पाए बंदगी का
वो मातम कर रहे हैं ज़िंदगी का

भड़क उठती है दिल में आतिश-ए-ग़म
ख़याल आता है जब उन की गली का

अभी है बंद आँख इंसानियत की
अभी दम घुट रहा है आदमी का

तुम्हारी याद ने की रहनुमाई
ख़याल आया मुझे जब बे-ख़ुदी का

 दिल की हर बात हो अल्फ़ाज़ में बयाँ
यही एक ख़ास फ़न है मेरी शायारी का

वही दुश्मन बने बैठे हैं 'प्रेम' के
जो दम भरते थे अपनी दोस्ती का

😒

©ANURAG DUBEY #भरमाओगे #फिरकबमिलोगे
भरम खुलने न पाए बंदगी का
वो मातम कर रहे हैं ज़िंदगी का

भड़क उठती है दिल में आतिश-ए-ग़म
ख़याल आता है जब उन की गली का

अभी है बंद आँख इंसानियत की
अभी दम घुट रहा है आदमी का

तुम्हारी याद ने की रहनुमाई
ख़याल आया मुझे जब बे-ख़ुदी का

 दिल की हर बात हो अल्फ़ाज़ में बयाँ
यही एक ख़ास फ़न है मेरी शायारी का

वही दुश्मन बने बैठे हैं 'प्रेम' के
जो दम भरते थे अपनी दोस्ती का

😒

©ANURAG DUBEY #भरमाओगे #फिरकबमिलोगे
anuragdubey1555

ANURAG

New Creator