तुम्हें नज़र भर कर देखने के बावजूद, कमबख़्त हमारी नज़र भरती क्यों नहीं........... सोचते हैं कि तुम्हें याद न करें हम अब, न जाने हमारी याददाश्त मरती क्यों नहीं......... ©Poet Maddy तुम्हें नज़र भर कर देखने के बावजूद, कमबख़्त हमारी नज़र भरती क्यों नहीं........... #Look#Damn#Think#Remember#Memory#Die...........