जब भी मुझे कोई तकलीफ़, दर्द या किसी बात की शिकायत महसूस होती हैं , मैं निकल जाती हूँ खयालों के साथ वीरान सड़कों के किनारे बनी झुग्गियों के सैर पर उनकी ज़िन्दगी से दो चार बाते करती हूँ , फिर दर्द के साथ ज़ेहन -ओ -दिल के सारे दर्द फ़ना हो जाते हैं, और मैं खामोश । और कुछ इस तरह मैं अनगिनत ख्यालों का कत्ल कर देती हूँ जीस ख्याल से जन्मे सवाल बवाल कर सकते थे । ये ज़िन्दगी है , और ये सिलसिला ज़िन्दगी का, ज़िंदगी यूँ ही चलता रहता है । ©gudiya #Nojoto #nojotohindi 1:pm, 23 August 2021 #MereKhayaal