सपने जो मेरे थे अधूरे, उनको पूरा करना चाहती हूं, ए बाबुल मेरे ना बिहाना मुझे,मैं चिड़िया सी उड़ना चाहती हूं, ना बांधना मुझे रिश्तो की जंजीरों से, अभी अपना अस्तित्व बनाना हूं, देना मुझे आशीष ऐसा, इस देश के लिए कुछ करना चाहती हूं। 🎀🎀 नमस्ते दोस्तों ! 🎀🎀 🎁 अनु शीर्षक में कुछ बदलाव ध्यान से पढ़ें 🎁 💝 प्रतियोगिता - ४४ 💝 शीर्षक दिया गया है उसी के अनुसार ही लिखें ।