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एक दौर था जब मेरे भी अपने हुआ करते थे, फिर इसक हु

एक दौर था जब मेरे भी अपने हुआ करते थे,

फिर इसक हुआ और हम भीड़ में भी तनहा रहने लगे

मिथिलेश रॉक कमुपुर सद सायरी
एक दौर था जब मेरे भी अपने हुआ करते थे,

फिर इसक हुआ और हम भीड़ में भी तनहा रहने लगे

मिथिलेश रॉक कमुपुर सद सायरी

सद सायरी