कद तेरा मेरे कन्धों तक आए फिर भी मेरे दिल पे हुकुम चलाए, गालों पे तेरे गुलाब सी लाली मृग सी आँखे जैसे मदिरा की प्याली, होंठों से निकले मधुर सी वाणी सुन के जिसे हो जाए दुनिया दीवानी, घाटा से घनघोर यह तेरी लहराती जुल्फें कर दे तेज़ मेरी साँसे, कद तेरा मेरे कन्धों तक आए फिर भी मेरे दिल पे हुकुम चलाए!! कद तेरा मेरे कन्धों तक आए फिर भी मेरे दिल पे हुकुम चलाए, गालों पे तेरे गुलाब सी लाली मृग सी आँखे जैसे मदिरा की प्याली, होंठों से निकले मधुर सी वाणी सुन के जिसे हो जाए दुनिया दीवानी, घाटा से घनघोर यह तेरी लहराती जुल्फें कर दे तेज़ मेरी साँसे,