तेरी यादें मुझमें यूँ बिखरी हैं जैसे प्रकृति में हवा मैं.... अक्सर ही किसी एक याद को तितली सा पकड़ लेती हूँ हौले से .... फिर उड़ जाती है हाथ छुड़ाकर आसमाँ में ... बिल्कुल तुम्हारी फितरत की तरह लेकिन... छोड़ जाती है मेरी उंगली पर तेरे कुछ रंग तब मैं मन के कागज पर उंगली छाप कर लिख देती हूँ रंगबिरंगी कोई कविता कोई गज़ल हर रात... फिर सैकड़ों बार पढ़ कर मसूसस करती हूँ तुझे और महकती रहती हूँ दिन भर....। #butterfly #love #kavita #nazm