याद में अल्लाह की सब कुछ भुलाकर तो देखिये कितना सकून है सज्दों मैं जाकर तो देखिये मिल जायेगी शिफा बीमार को क़ुरान उसको सुनाकर तो देखिये हो जाओगे हर गुनाह से साफ तुम मदीना ए मुनब्बर जाकर तो देखिये होगी रिज़्क मैं बरकत वादा है अल्लाह का किसी भूखे को खाना खिलाकर तो देखिये तासीर अपनी भी बादल देगा जहर उसमे जम जम मिलाकर तो देखिये हो जाती है जुबान मीठी मेरी रिया लबो पे नाम ए मुस्तफा लाकर तो देखिये ©Riyashaikh #नात शरीफ #blindtrust