फलसफा ए मौत से , तो जिंदा है जिंदगी , फिर क्यों मौत का जश्न , मनाता नही कोई। मैयत में गीत , गाता नहीं कोई , यह कैसी मुसावात, चश्मे नम से जिसे, गुनगुनाता नहीं कोई। मुसावात का अर्थ बराबरी