रिमझिम बरसती है बादल सांसों में किसी की है चाहत उससे लिपट के भिंग ने को मन करता है उसके बहो में आज शाम गुजारने को दिल करता है कहां है किस हाल में होगा आज शायद शाम मुझे यादों में गुजारना होगा ©Jha Pallavi Jha #barishwaliyaad