Subscription/Unlock प्रतियोगिता-12 विषय :- प्रयासरत हूँ निरंतर ********************** मुश्किल हालातों से निकला हूँ, मैं जीवन के हर मोड़ से। खुद को मजबूत बनाया मैंने, बंदिश की बेड़ियाँ तोड़ के। है खुद पे गुरुर मुझको, कि हर हालातों से लड़ सकता हूँ। जीना नहीं सीखा मैंने कभी, अपने आदर्शों को छोड़ के। है नाकाफी मेरे लिए अब, हालातों की सारी गुस्ताखियाँ। किस्मत से भी ख़ूब लड़ा हूँ, इच्छाओं का गला मरोड़ के। फर्क नहीं पड़ता मुझे अब, किसी गैर की नादानियों से। जानबूझकर कर किया गलतियाँ, लोगों ने दिल खोल के। अपने अरमानों की बली मैंने, हरपल यहाँ चढ़ाया है। प्रयासरत हूँ निरंतर, साहिल को कोई जाए न छोड़ के। रचना का सार Subscription/Unlock प्रतियोगिता-12 विषय :- प्रयासरत हूँ निरंतर मुश्किल हालातों से निकला हूँ, मैं जीवन के हर मोड़ से। खुद को मजबूत बनाया मैंने, बंदिश की बेड़ियाँ तोड़ के। है खुद पे गुरुर मुझको, कि हर हालातों से लड़ सकता हूँ। जीना नहीं सीखा मैंने कभी, अपने आदर्शों को छोड़ के।