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मैंने डूबने दिया आफ़ताब को  अपने ही हथेलियों पर   

मैंने डूबने दिया आफ़ताब को 
अपने ही हथेलियों पर 
 बहने दिया अपने आंसुओ को.. 
और ख़ुद को हलकान कर एक ख़ाली मकां बन गई। 


मैंने बहा दिया समुंदर में 
अपने सारे रंज और ग़म को… 
और ख़ुद हो गई सवार, जीवन पतवार लिए 
एक किनारे की आंस में,खुद एक आसमान बन गई। 


मैंने बिखरने दिया खुद को.. 
सारी उदासियों को पैरहन में लपेट 
जर्रा - जर्रा ख़ाक में मिला दिया 
सिर्फ़..उम्मीदों के सौ गुल खिलाने को एक बागवां बन गई। 


मैंने मुरझाने दिया गुलों को.. 
उजड़ने दिया अपने ही लगाए बाग को 
 मौसम ऐ बहार में.. ताकि सब खत्म कर
 सुकूं की दुआं पढ़ अपने-आप में शिफां बन गई। 


हाँ मै हूं कायल…अपने हथेली के इस डूबते आफ़ताब की 
जो ख़ुद ब ख़ुद डूबा कर 
अंधेरों में अपने वज़ूद को 
देता है रोशनी सितारों और उस महताब को..। 


हां ऐसी ही रौशनाई में
 जगमगाना हैं मुझे,
 मेरी किस्मत का आफताब बन के। 
मुझे बहारों की खुशआमदीं की उज़लत नहीं… 

ऐ खुदा.. बख़्श पुरसुकूं, 
दे इतनी इनायत, कर नवाज़िश
खिजां में ही गुल बन खिला करूं। 
रंज और गम के इत्र में घुल फिजां में महका करुं।

©मौसम #aaftab  #gham #fiza #Kayal #zindagi #nojotohindipoetry #urdunazm
मैंने डूबने दिया आफ़ताब को 
अपने ही हथेलियों पर 
 बहने दिया अपने आंसुओ को.. 
और ख़ुद को हलकान कर एक ख़ाली मकां बन गई। 


मैंने बहा दिया समुंदर में 
अपने सारे रंज और ग़म को… 
और ख़ुद हो गई सवार, जीवन पतवार लिए 
एक किनारे की आंस में,खुद एक आसमान बन गई। 


मैंने बिखरने दिया खुद को.. 
सारी उदासियों को पैरहन में लपेट 
जर्रा - जर्रा ख़ाक में मिला दिया 
सिर्फ़..उम्मीदों के सौ गुल खिलाने को एक बागवां बन गई। 


मैंने मुरझाने दिया गुलों को.. 
उजड़ने दिया अपने ही लगाए बाग को 
 मौसम ऐ बहार में.. ताकि सब खत्म कर
 सुकूं की दुआं पढ़ अपने-आप में शिफां बन गई। 


हाँ मै हूं कायल…अपने हथेली के इस डूबते आफ़ताब की 
जो ख़ुद ब ख़ुद डूबा कर 
अंधेरों में अपने वज़ूद को 
देता है रोशनी सितारों और उस महताब को..। 


हां ऐसी ही रौशनाई में
 जगमगाना हैं मुझे,
 मेरी किस्मत का आफताब बन के। 
मुझे बहारों की खुशआमदीं की उज़लत नहीं… 

ऐ खुदा.. बख़्श पुरसुकूं, 
दे इतनी इनायत, कर नवाज़िश
खिजां में ही गुल बन खिला करूं। 
रंज और गम के इत्र में घुल फिजां में महका करुं।

©मौसम #aaftab  #gham #fiza #Kayal #zindagi #nojotohindipoetry #urdunazm
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