Nojoto: Largest Storytelling Platform

ये आरजू अब जीने की मर गई है मुजमे कितने ही बोझ भर

ये आरजू अब जीने की मर गई है
मुजमे कितने ही बोझ भर गई है।
तराशा हुआ कोहिनूर था ए वक्त,
नाकामियां क्यों बसर कर गई है।
तन्हाई बड़ी चुभती है अब तन्हा,
जलती उम्मीद जहर कर गई है।
बदला क्या लु तु जहां में नहीं है,
जिंदा लाश हूं सांसे ठहर गई है।
वक्त तो  आएगा अहले करम से,
मुझ में मेरी तिसनगी मर गई है।

©Brsolanki #br Ajay Kumar  N.B Mia ❤ Anshu writer  Anupriya Das official manoj
ये आरजू अब जीने की मर गई है
मुजमे कितने ही बोझ भर गई है।
तराशा हुआ कोहिनूर था ए वक्त,
नाकामियां क्यों बसर कर गई है।
तन्हाई बड़ी चुभती है अब तन्हा,
जलती उम्मीद जहर कर गई है।
बदला क्या लु तु जहां में नहीं है,
जिंदा लाश हूं सांसे ठहर गई है।
वक्त तो  आएगा अहले करम से,
मुझ में मेरी तिसनगी मर गई है।

©Brsolanki #br Ajay Kumar  N.B Mia ❤ Anshu writer  Anupriya Das official manoj
msfimsfi1282

Brsolanki

New Creator