प्यासा ही बैठा हूँ जैसे सदियों से, बुझी न मेरी प्यास इन नदियों से। अपनी होंठों से पीने की इहामत दे दो, तुझसे इश्क़ करने की इजाजत दे दो।। #बंधु_उवाच