इश्क़ की हिचकियांँ तुम बसे हो मेरी हर सांँस में जैसे फूलों के संग संग खुशबू बसती है, तुम्हारे बिना जीवन की कल्पना मेरे लिए मृत्यु के समान लगती है। आधे तुम हो और आधी मैं हूंँ तुम बिन अधूरा जीवन यह अपना है, बहते रहे तेरी यादों के दरिया में जीवन का बस अब यही सपना है। तुमको पाकर जिंदगी में हमें कुछ और पाने की ख्वाहिश ही ना रही, तुझको ही अपना माना है दिल ने और तू ही बस मेरा एक अपना है। कैसे कहूंँ कि मुश्किल है जीना अब हमारा तुम्हारी हँसीं यादों के सहारे, तू मेरा हमसफर तू मेरा हमसाया और तेरे लिए मेरा सजना संवरना है। इश्क़ की हिचकियों के संग तेरे प्यार का एहसास आज भी जिंदा है, तेरे प्यार के बिना मेरी जिंदगी कुछ भी नहीं बस एक अधूरा सपना है। #इश्क़कीहिचकियांँ #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #KKSC15 #विशेषप्रतियोगिता