मैंने मंदिर में नमाज़ क्या पढ़ ली, कुछ लोगों ने उसे मंदिर जिहाद कह दिया... वो कहने लगे कि मैं दंगे कराना चाहता हूं... भइया, जिस चांद को देख कर तुम्हारी औरतें करवाचौथ का व्रथ तोड़ती हैं..., उसी चांद को देख कर मैं ईद मनाता हूं... तो क्या वो चांद जिहाद है...??? जो चंद्र तुम्हारे शिवजी का मुकुट बन, उनको संवारता हैं, मेरी मस्जिद के मीनारों की शोभा भी वही चंद्र बढ़ाता है... तो क्या वहां भी मैं दंगे कराना चाहता हूं...??? --- अली (१९:१६, ०५/११/२०२०) ©Sajeel Ali #all_religion_are_same #God_Is_One