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जिसकाे समझा उसने अपना रहनुमां निकला उसका हीं चेहरा

जिसकाे समझा उसने अपना रहनुमां
निकला उसका हीं चेहरा बदनुमा
मासूम सी थी वाे कलियां 
कुदरत ने छिनी जी जिनकी गलियां
वाे भूखे भेड़िये ,वाे नरपिशाच
सुनी नहीं उनकी तड़प और फरियाद
तार-तार कर दिया उनका दामन
फिर भी रहते है ठसक में
 छिन कर उन कलियाें का बचपन सुनने में बड़ा अच्छा लगता है कि बालिका दिवस मनाया जा रहा।
पर क्या वास्तव में हमारे समाज में ऐसा हाे रहा।या फिर बालिका दीवस बालिका सुधार गृह के नाम पर उनका अंतहीन शाेषण का सिलसिला जारी रहता है।अगर कभी काेई मामला सामने आ भी गया ताे?
ता०पर ता०़़......
24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2008 में महिला एवं विकास मंत्रालय भारत, द्वारा बालिकाओं के अधिकारों, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को बढ़ाने हेतु यह निर्णय लिया गया। 
#बालिकादिवस #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
जिसकाे समझा उसने अपना रहनुमां
निकला उसका हीं चेहरा बदनुमा
मासूम सी थी वाे कलियां 
कुदरत ने छिनी जी जिनकी गलियां
वाे भूखे भेड़िये ,वाे नरपिशाच
सुनी नहीं उनकी तड़प और फरियाद
तार-तार कर दिया उनका दामन
फिर भी रहते है ठसक में
 छिन कर उन कलियाें का बचपन सुनने में बड़ा अच्छा लगता है कि बालिका दिवस मनाया जा रहा।
पर क्या वास्तव में हमारे समाज में ऐसा हाे रहा।या फिर बालिका दीवस बालिका सुधार गृह के नाम पर उनका अंतहीन शाेषण का सिलसिला जारी रहता है।अगर कभी काेई मामला सामने आ भी गया ताे?
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24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2008 में महिला एवं विकास मंत्रालय भारत, द्वारा बालिकाओं के अधिकारों, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को बढ़ाने हेतु यह निर्णय लिया गया। 
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mamtasingh9974

Mamta Singh

Bronze Star
New Creator
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