खुद के लिए वक़्त निकलता नहीं, पर बैठूं सिर्फ खुद के साथ तो लगे के वक़्त बीतता नहीं, लगती है यह दोनों बातें एक दूसरे से विपरीत सी, पर असल में है दोनों एक ही के ना हमने अभी तक सीखा वक़्त खुद के साथ बिताना, वरना हम जानते हमारा वक़्त हमारे लिए कभी कम नहीं, जितना चाहे बिता लो खुद के साथ तब भी कुछ ज्यादा नहीं, जितना हमारे हिस्से हैं वही सही क्योंकि उससे ज्यादा कुछ सहीं नहीं। ⏳⏳ #वक़्त #time #timeforyourself #mytime #metime #musing #hindipoems #grishmapoems