तेरे ज़िक्र भर से, तेरी राह में खो जाता हूं, आंखें याद करती रहे, इसलिए कभी कभी रो जाता हूं !! पेश है 'ज़िक्र' कि एक नई शायरी :: तेरे ज़िक्र भर से, तेरी राह में खो जाता हूं, आंखें याद करती रहे, इसलिए कभी कभी रो जाता हूं !! © Ritu Raj Gupta