आख़िरी ख़्वाहिश बस इतनी सी, सुकून की नींद सो जाऊँ धरती फैलाएं अपनी बाहें और मैं सुपुर्द-ए-ख़ाक हो जाऊँ #pain #aakhri #मौत #खाक