नवरोज़ ही त्योहारों की उमंग हो,घर घर तिल गुड़ की मिठास हो, रूठे न कोई अपनो से दूर हो गिले शिकवे, हर कोई यहाँ ख़ास हो, दिल खुशियों की पतंग हो जाये,हर आँगन में हर्ष की बरसात हो, आप सभी को मकर सक्रांति के पावन पर्व की हार्दिक सौगात हो। रचना लिखने से पहले caption पढ़ ले। रचना लिखने का समय कल सुबह 8 बजे तक है। इसके नियम निम्नलिखित हैं : *4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखे। *कविता देवनागरी लिपि में होनी चाहिए |