सोचा न था टकरा जाएगा कोई हमसे पहली नज़र में ही बेशुमार चाहतें बढ़ेंगी! भरसक प्रयास किया कि न मिले हम मालूम था मिले तो और आफ़तें बढ़ेंगी! हर लम्हा याद आएगी वो पहली नज़र मगर बेक़रार दिल की ना राहतें बढ़ेंगी! निग़ाहें तो कारगुजारिजयाँ कर गई अब मासूम से दिल की नसीहतें बढ़ेंगी! चले जो हुआ सो हुआ अब क्या कीजे अब ज़िंदगी में कुछ और शामतें बढ़ेंगी! ♥️ Challenge-727 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।