कभी शाम में कभी रात में, अक्सर बरसात में। तुम याद आती हो मुझे हर पल हर बात में। अनसुनी कुछ बात है जो सुनी तुमने नहीं। बिन कहीं कुछ बात है जो कहीं हमने नहीं तुम कहीं दिखती नहीं, ना राह में ना मोड़ पर। ना मिली तुम मुझे गांव वाली रोड़ पर। जो बात थी वो अब नहीं, तुम साथ थी पर अब नहीं, इस बात का है गम मुझे? सब पास हैं पर तुम नहीं। आ जाओ वापिस लौट के, ना आज तो कल सही। कुछ बात तुम में है नई,जो तेरी हर बात लगती है सही। ये बंदिशे जो चल रही ये दूर कर सकती नहीं । अब बंदगी बस चल रही , आ जाओ जो तुम साथ में तो जिंदगी फिर है सही। -Krishna 🙏 Shukla[DS] बंदगी= इबादत करना, दुआ करना. बंदिशे= पहरा, रुकावट ,obstacle. New romantic poem 😍 #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqtales #yqromanticpoem #lovestory #yqdiarylove #yqdada