रात बहुत भीग चुकी,साफ आसमान होना चाहिए तूफ़ान आकर गुज़र गया,बाकी निशान होना चाहिए दिन ने अपनी बेबसी,किसी से कही नहीं रात के बाद फिर सुबह हुई,परछाई कहीं मिली नहीं आज एक ख़्वाब से,सवाल हमने पूछ लिया पूरा करूँ या छोड़ दूँ,सच हैरान होना चाहिए मँज़िल मिले ना मिले,ये और बात है आग दिल में जल रही,चेहरे पर मुस्कान होनी चाहिए ले चलो हमें वहाँ,जहाँ ख़त्म ना हो सिलसिला शुरूआत से अंजाम तक,एक ही ईमान होना चाहिए वक्त बहुत बीत गया,दिल मगर भरा नहीं कोशिशें यही कहती रहीं,कहीं सच का मुकाम होना चाहिए... © abhishek trehan www.therealdestination.com #रात #भीगी #तूफान #सच #manawoawaratha #yqdidi #asetheticthoughts #restzone