Path अजीब कैफ है इश्क़ ए अली की मस्ती हैं मेरे ज़मीर की बस्ती इसी में बस्ती हैं, ये मेरी ज़िद नहीं हुक्म ए मुस्तफा हैं, अली नहीं तो इबादत भी भूतपरस्ती हैं !! @Gàzàli!! —@Fakeer Muaviya Zafar Gazali "Razvi Noori Qadri Amrohivi”