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उस नयी तस्वीर पे नज़र पड़ी तो फिर दिल में दर्द जाग

उस नयी तस्वीर पे नज़र पड़ी तो फिर दिल में दर्द जाग उठा
कैसे हो कहाँ हो जैसे सवालों का सैलाब उमड़ पड़ा
जानती थी सवालों के जवाब अब मुझे मिलते नहीं
पूछने का हक़ शायद मुझे कभी था ही नहीं
तसल्ली कर ली देख के उस आधी अधूरी परछायी को 
तुम ख़ुश हो उस दुनिया में जहाँ मिले थे कभी अजनबी दो 
तुम्हारे ख़्वाबों की ज़मीन तुम्हें एक नयी पहचान दिलाएगी
मेरी ज़िंदगी इन लफ़्ज़ों के बीच ही सिमट के रह जाएगी
सीख लिया है फ़न मैंने इस नयी ज़ुबान को अपनाना का
ताकि रहे ना कोई रास्ता तुम्हें अपने दिल के हाल को बताने का
लिखती थी कभी सिर्फ़ तुम्हारी तारीफ़ के लिए
आज भी मैं लिखती हूँ, तुम्हारी यादों से दूर जाने के लिए 
 Words to the rescue #YQDidi
उस नयी तस्वीर पे नज़र पड़ी तो फिर दिल में दर्द जाग उठा
कैसे हो कहाँ हो जैसे सवालों का सैलाब उमड़ पड़ा
जानती थी सवालों के जवाब अब मुझे मिलते नहीं
पूछने का हक़ शायद मुझे कभी था ही नहीं
तसल्ली कर ली देख के उस आधी अधूरी परछायी को 
तुम ख़ुश हो उस दुनिया में जहाँ मिले थे कभी अजनबी दो 
तुम्हारे ख़्वाबों की ज़मीन तुम्हें एक नयी पहचान दिलाएगी
मेरी ज़िंदगी इन लफ़्ज़ों के बीच ही सिमट के रह जाएगी
सीख लिया है फ़न मैंने इस नयी ज़ुबान को अपनाना का
ताकि रहे ना कोई रास्ता तुम्हें अपने दिल के हाल को बताने का
लिखती थी कभी सिर्फ़ तुम्हारी तारीफ़ के लिए
आज भी मैं लिखती हूँ, तुम्हारी यादों से दूर जाने के लिए 
 Words to the rescue #YQDidi

Words to the rescue #yqdidi