दर्द तो उसने, हमें दिए बेशुमार थे, वाबजूद इसके, हम करते उसे प्यार थे! मुझ ग़रीब को,वो चुन लेते भला कैसे, चाहने वाले उसके, दुनिया में हजार थे! ©अनुराग "सुकून" #Language_of_tears