शब्दो में पिरोया अपने जज्बात लिखूं या अपने गुजरे पल का हकीकत लिखूं कोई नही देता है साथ खुद के शिवा किस किस के बारे में क्या क्या लिखूं मै मुर्दा तो नहीं जो लहर के साथ बह जाऊं जिंदा होकर मै कैसे खुद को मुर्दा लिखूं कभी तारीफों के समंदर में था बसेरा मेरा मुकद्दर की लहरों में बहने की बात क्या लिखूं जीवंत गर ना हो जिंदगी तितलियों को देखो कागज के फूलों में ना बैठने की बात क्या लिखूं ।। ©Suvash Ghosal from jalte ansu #writer #shayri #Poetry #poem #kavita #hindi #urdu #Butterfly