सुख-दु:ख के सारे मौसम संगीत में बसते, जीवन नीरस होता है गर जीवन में संगीत के रंग ना हो। संगीत जान है, मन का आंगन सूना और बेजार है गर सरगम के सुर न छिड़े दिल के साजों पर। बारिश की रिमझिम में,लहरों में,हवाओं में, सांसो में,धड़कन में,संगीत है कुदरत के कण-कण में। संगीत दिल के अंदर की पीड़ा को भुलाकर, खुशियों से दिल के तारों को छेड़, सुरमई बना देता है। संगीत हर मर्ज की दवा है, महफिल में चार चांद लगा हसीन कर, आत्मा और रुह को जगा देता है। सम रूल्स ** यह प्रतियोगिता 13 है । ** कोलैब ऑक्शन कृपया ऑफ करें आप लोग कोलैब करने के बाद । ** समय - दोपहर के 01 : 30 बजे तक कोलैब कर सकते हैं ।