Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुमको हमेशा ये शिकायत रही है कि कम बोलता हूँ मैं,

तुमको
हमेशा ये
शिकायत रही है
कि कम बोलता हूँ मैं,
दिल के राज नहीं
खोलता हूँ मैं
पर मैं सोचता हूँ
कि यह तो
ग़नीमत है
जो 
कम 
बोलता हूँ मैं
दिल के राज कम
खोलता हूँ मैं
क्योंकि, शायद 
जिस दिन, जिस पल 
मेरे लबों पे लफ्ज़ आयेंगे
उस दिन, उसी पल 
मेरे अंदर का
शायर मर 
जायेगा। 

- ओमकार भास्कर दास तुमको
हमेशा ये
शिकायत रही है
कि कम बोलता हूँ मैं,
दिल के राज नहीं
खोलता हूँ मैं
पर मैं सोचता हूँ
कि यह तो
तुमको
हमेशा ये
शिकायत रही है
कि कम बोलता हूँ मैं,
दिल के राज नहीं
खोलता हूँ मैं
पर मैं सोचता हूँ
कि यह तो
ग़नीमत है
जो 
कम 
बोलता हूँ मैं
दिल के राज कम
खोलता हूँ मैं
क्योंकि, शायद 
जिस दिन, जिस पल 
मेरे लबों पे लफ्ज़ आयेंगे
उस दिन, उसी पल 
मेरे अंदर का
शायर मर 
जायेगा। 

- ओमकार भास्कर दास तुमको
हमेशा ये
शिकायत रही है
कि कम बोलता हूँ मैं,
दिल के राज नहीं
खोलता हूँ मैं
पर मैं सोचता हूँ
कि यह तो

तुमको हमेशा ये शिकायत रही है कि कम बोलता हूँ मैं, दिल के राज नहीं खोलता हूँ मैं पर मैं सोचता हूँ कि यह तो #विचार