दे ना दखल तू थोड़ी कर अकल तू देख तेरी शकल तू मेरी करे नकल तू एहसान लेके भुला एहसान फरामोश तू दोश तेरी नियत का कैसे होगा सफल तू हाँ नकल ची बन्दर तू जितना काला बाहर उतना अन्दर तू नकलची बन्दर।।