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हर कदम ,कदम पे तेरी आहट है। गुलाब की तरह मुसकुराहट

हर कदम ,कदम पे तेरी आहट है।
गुलाब की तरह मुसकुराहट है।
आंखों में तेरी मोहबबत का
नजराना।
बस तेरे लिये ही चाहत है।

©Mahesh Ram Tandan divyang kavi
  कविता - कदम कदम पे

कविता - कदम कदम पे

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