ना अब कोई सपना, ना ख्वाहिश रही है, जहां देखा सच्चाई कम, झूठ की नुमाइश रही है, हर कदम पर मिलते रहे, यहां लोग मतलब से, सबकी हमें परखने की, आजमाइश रही है। ✍✍✍ Ombir Kajal ©Ombir Kajal ना सपना #safar