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जब भी घर से निकला करता हूँ, किसी चौराहे पर रुका कर

जब भी घर से निकला करता हूँ,
किसी चौराहे पर रुका करता हूँ,
सामने कुछ मंज़र यारों दर्दनाक से होते हैं,
कुछ लोगों के इरादे ज़रा नापाक से होते हैं,
निर्भया जैसे कितने सहमे सहमे रूप गढ़ते हो,
यारों, कौन से आज़ाद भारत की बात करते हो........ कौन से आज़ाद भारत की बात करते हो....

It was not just a writing for me, it was a revolution dropped on paper that consists issues/problems of country, and Ome of them is rape, assaulted girl child....

ये मेरे लिए आंदोलन था जिसे सुलझ कर खत्म हो जाना चाहिए था पर मुल्क के चन्द तमाशबीन ये चाहते ही नहीं हैं.......
जिन में से एक है ये....... 
सिर्फ नाम बदल जाते हैं इसमें, 
अब तक हाल वही हैं....
जब भी घर से निकला करता हूँ,
किसी चौराहे पर रुका करता हूँ,
सामने कुछ मंज़र यारों दर्दनाक से होते हैं,
कुछ लोगों के इरादे ज़रा नापाक से होते हैं,
निर्भया जैसे कितने सहमे सहमे रूप गढ़ते हो,
यारों, कौन से आज़ाद भारत की बात करते हो........ कौन से आज़ाद भारत की बात करते हो....

It was not just a writing for me, it was a revolution dropped on paper that consists issues/problems of country, and Ome of them is rape, assaulted girl child....

ये मेरे लिए आंदोलन था जिसे सुलझ कर खत्म हो जाना चाहिए था पर मुल्क के चन्द तमाशबीन ये चाहते ही नहीं हैं.......
जिन में से एक है ये....... 
सिर्फ नाम बदल जाते हैं इसमें, 
अब तक हाल वही हैं....