मैं मृत्यु हूँ अनकथित असमयक कभी अतिशीघ्र ,कभी अतिविलंबति सांसो की माला पल में तोड़ देती हूँ अनहद नाद से मैं जोड़ देती हूँ । मैं मृत्यु हूँ शाश्वत सत्य हूँ मैं अंत भी और मैं ही नव जीवन का प्रारंभ भी मैं विलाप मैं क्रन्दन मैं विराग और मैं बेरंग । मैं मृत्यु हूँ कभी रोगात्मक कभी दुर्घनात्मक कभी भावनात्मक तो कभी आवेशात्मक राजा रंक का भेद ना मैं जानु बालक और वृद्ध का अंतर ना मैं पहचानूं। #yqbaba#yqdidi#death#final#stage#life#immortal Pc google images .