#5LinePoetry दुःख है कि अब दुःख अब होता नहीं कोई खंजर भी मारे तो उफ्फ होता नहीं नामरदों से भरा बसेरा है मेरे मुहल्ले में चीखें दर्द की कानों पर असर होता नहीं ©सौरभ अश्क #चीखें