हाँथों में चोट लगाके वो , मेंहदी उस पर लगवाती थी! मेहंदी की छाप में छुपकर के ; वो अपना दर्द छुपाती थी ! ये छोटी सी ही है, कह करके ; मानों झट बड़ी बन जाती थी ! बस! पाँच मिनट का वादा कर ; घंटों तक, गुम हो जाती थी ! लड़की थी, या वो पूरी नालायक ; पल में कुछ भी कर जाती थी ! अपनी इन सब नादानी से , वो बचपन को छू जाती थी ! जीवन की एक नई परिभाषा ; वो रोज मुझेे सिखलाती थी ! लड़की थी वह पूरी नालायक ; पल में कुछ भी कर जाती थी ! #guru007 #poetry #hindi #nojotohindi #love