जिस्मों की लालसा कहां मोहब्बत रह गई, अब कहां बातें रूहानी इश्क़ की.... तसव्वर में बेईमानी रह गई, अब कहां बातें दीवाने इश्क़ की.... इश्क़ नदी वृहद पयोधि से अनंत तक, अब कहां बातें रूहानी इश्क़ की.... प्यार के रास्ते में राह ए सदाकत, अब कहां बातें मज़ाहिर इश्क़ की.... असीम निश्चल प्रेम छलके नज़र से, अब कहां ऐसी नज़र इश्क़ की..... तकमील हो हम-नफ़्स की वफ़ा से, अब कहां ऐसी ग़ज़ल इश्क की..... तक़ाज़े मोहब्बत के जज़्बात ए फुर्कत हो गए, जिस्मानी भूख से लिप्सई दास्तां इश्क़ की.... Read caption 👇👇 Hello Dear Writers 🙏🙏🙏 Welcome Our Vivekananda Writing Foundation. So Start Your Collaboration. And Keep Writing. मुख्य बिंदु ⚜️