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सच्चाई ... निकलती तो है रोज़ सुबह उजली सी मेरे साथ

सच्चाई ...
निकलती तो है रोज़ सुबह उजली सी मेरे साथ
मगर लौटती है शाम को पामाल होके
ज़रूरतों और मतलब के हाथ Musings - 17/2/19
सच्चाई ...
निकलती तो है रोज़ सुबह उजली सी मेरे साथ
मगर लौटती है शाम को पामाल होके
ज़रूरतों और मतलब के हाथ Musings - 17/2/19

Musings - 17/2/19