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कभी कभी जब बुनता हूँ खुद को तेरे रंगों में जुगनू ब

कभी कभी जब बुनता हूँ
खुद को तेरे रंगों में
जुगनू बन कर उड़ता हूँ
में बेबाक पतंगों में

खिली खिली सी धूप सी
तू मुझ में मिल जाती है 
साँसों की भी सरगम में
मरहम सी सील जाती है
लहरें बन कर उठता हूँ
मैं नायाब उमंगों में
कभी कभी जब बुनता हूँ
खुद को तेरे रंगों में

तू ख़्वाबों में तारी होती है
कायनात सारी होती है
जैसे सब कुछ जीत लिया
पर तुझसे हारी होती है
फ़ाल्गुन बन कर सजता हूँ मैं
बजते ताल मृदंगों में
कभी कभी जब बुनता हूँ
खुद को तेरे रंगों में

©Mo k sh K an #उदासियाँ_the_journey 
#mkpikb .
#mokshkan 
#colours 
#kites
#Happiness 
#bright
कभी कभी जब बुनता हूँ
खुद को तेरे रंगों में
जुगनू बन कर उड़ता हूँ
में बेबाक पतंगों में

खिली खिली सी धूप सी
तू मुझ में मिल जाती है 
साँसों की भी सरगम में
मरहम सी सील जाती है
लहरें बन कर उठता हूँ
मैं नायाब उमंगों में
कभी कभी जब बुनता हूँ
खुद को तेरे रंगों में

तू ख़्वाबों में तारी होती है
कायनात सारी होती है
जैसे सब कुछ जीत लिया
पर तुझसे हारी होती है
फ़ाल्गुन बन कर सजता हूँ मैं
बजते ताल मृदंगों में
कभी कभी जब बुनता हूँ
खुद को तेरे रंगों में

©Mo k sh K an #उदासियाँ_the_journey 
#mkpikb .
#mokshkan 
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#kites
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#bright
shonaspeaks4607

Mo k sh K an

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