खुद से खुद की तलाश कर तू भीड़ में दूसरों का राह चलता है, क्यों तेरा ख्वाब पराई आंखों में पलता है, ओरो की खुशी से तेरा मन क्यूं गलत है, तू छोड़ के सारे बंधन खुद को आजद कर, तू खुद से खुद की तलाश कर। तू काली स्याही का काला रंग ही दिखता है, तू हमेशा भीड़ से भीड़ ही सीखता है, तू जब भी चला तो रंग तीजा कहां निखरा है, तू रंग बदल सारे आज होली का आगाज़ कर, तू खुद से खुद की तलाश कर। परेशान होगा जब तो तू भी गलत चाल चलेगा, चुभती परेशानियों में तू कहां धीरज धरेगा, जो बुझा हुआ हो रंगीनियत में को क्या रौशन करेगा, तू रौशनी मत फैला बस रौशन आंदाज कर, तू खुद से खुद की तलाश कर। जो तुझसे लिपटा है वो तेरा कोई सखा नहीं है, तू अभी है जहां वो तेरा पता भी नहीं है, उस अनन्त जीवन का तो मिटा हुए साक्ष्य भी नहीं है, तू बन सुदृढ़ और अपने होने का हुंकार कर, तू खुद से खुद की तलाश कर। कोई तेरा परिचय नहीं दुनिया को देगा, तेरे अन्दर की आंधी किसी और से ना थमेगा, तू खुद ही अपनी सांसों में वो रंजीत एहसास भरेगा, और उठ खड़ा हो और बुलंद अपनी आवाज कर, तू खुद से खुद की तलाश कर। खुद से खुद की तलाश कर #yqdidi #yqquotes #yqhindi #yqbaba #yqdidihindi #yqdidichallenge #yqdidihindipoetry #ybabachallenge