कीमती बनते ही हिफाजत से सजाया जाता है कागज़ भी काम आने के लायक बनते ही खुदा समझा जाता है नालायक भी परखने लग जाते है लोग हिसाब किताब सहित दोस्त जरा से तूफान के चलते ही उड़ा ले जाएं आंधी डूबा जाए भंवर कोई ज़रूरी तो नहीं तूफान कई बार नजदीक से निकल जाते है छू कर ही बबली गुर्जर ©Babli Gurjar कीमती R K Mishra " सूर्य " R. Ojha