औरत का चरित्र (अनुशीर्षक में पढ़ें) औरत का चरित्र औरत होना है इक संघर्ष ख़ुद में, ख़ुद ही ख़ुद को पड़ता है संभालना हर कदम पर करना पड़ता है उसे, चुनौतियों का सामना औरत अगर चले बेफ़िक्र चाल से,