वो अपना गम सुनाते है हम अपना गम सुनाते है। वो थोडा कम सुनाते है हम थोड़ा कम सुनाते है। झगड़कर बिन-बात के एक दूजे से फिर रूठ जाते है। हम अपने घर को जाते हैं वो अपने घर को जाते है तनहाइयो में उन्हें हम याद आते है हमे वो याद आते है। अगले ही दिन वो नज़रे चुराते है हम नज़रे चुराते है वो हमसे बात करने को मौका तलाशते है हम उनसे बात करने को मौका तलाशते है अपना गम सुनाते है हम अपना गम सुनाते है। वो थोडा कम सुनाते है हम थोड़ा कम सुनाते है। झगड़कर बिन-बात के एक दूजे से फिर रूठ जाते है। हम अपने घर को जाते हैं वो अपने घर को जाते है।। हर-एक की कहानी, मेरी जुबानी तेरी@मेरी$हमसब%की^दुनिया