जब अब्बा घर से जाते थे तुम पुरी कचौरी लाती थीं हम तीखा शौक से खाते थे मै गजरा लेकर आता था जो हरदम तुमको भाते थे क्यूँ घरवालों की सुनती हो जो मेरे ख़िलाफ़ भड़काते थे एक दिन समझेंगे उल्फत को जो कल तुमको समझाते थे। #yqsayyed हम अक्सर मिलने आते थे... #हमअक्सर #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi