आप सब के साथ साझा कर रहा हूं अपनी रचना संस्कारों की चिता .....
सुनिए मेरी रचना संस्कारों की चिता
अच्छे संस्कार किसी माल से नहीं परिवार के माहौल से मिलते हैं ।
हम सब में संस्कारों की नींव बचपन में पड़ती है दादा दादी की कहानियों से उनकी हिदायतों से , मां और पिता जी के डांट फटकार से ...
पर आज हम सभी पर पाश्चात्य संस्कृति का नशा छा चुका है हम उसकी तरफ आकर्षित होते जा रहे हैं ... #nojotovideo