उम्मीद की टोकरी , ना उठाकर चलिए, वरना..............., ये उम्मीद कब समस्याएं बनेंगी, आपको इल्म तक न होगा, और.............., जब पता चलेगा,तब तक ये उलझने , आपको तिनके ज्यों, बिखेर देंगी। ©kamlesh pratap singh sad shayari